THE FACT ABOUT SHIV CHALISA LYRICS AARTI THAT NO ONE IS SUGGESTING

The Fact About shiv chalisa lyrics aarti That No One Is Suggesting

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मातु पिता भ्राता सब कोई । संकट में पूछत नहिं कोई ॥

मोहिः संभ्रान्तः स्थित्वा शान्तिं न प्राप्नोत्।

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किया तपहिं भागीरथ भारी। पुरब प्रतिज्ञा तासु पुरारी॥

एक कमल प्रभु राखेउ जोई। कमल नयन पूजन चहं सोई॥

स्वामी एक है आस तुम्हारी। आय हरहु अब संकट भारी॥

अंग गौर शिर गंग बहाये। मुण्डमाल तन छार लगाये॥

राम रसायन तुम्हरे पासा। सदा रहो रघुपति click here के दासा।।

अर्थ- हे गिरिजा पति हे, दीन हीन पर दया बरसाने वाले भगवान शिव आपकी जय हो, आप सदा संतो के प्रतिपालक रहे हैं। आपके मस्तक पर छोटा सा चंद्रमा शोभायमान है, आपने कानों में नागफनी के कुंडल डाल रखें हैं।

पुत्र हीन कर इच्छा कोई । निश्चय शिव प्रसाद तेहि होई ॥

द्वादश ज्योतिर्लिंग मंत्र

नमो नमो दुर्गे सुख करनी। नमो नमो दुर्गे दुःख हरनी॥ निरंकार है ज्योति तुम्हारी। तिहूँ लोक फैली उजियारी॥

तुम्हरो मंत्र बिभीषन माना। लंकेश्वर भए सब जग जाना।।

अस्तुति केहि विधि करौं तुम्हारी। क्षमहु नाथ अब चूक हमारी॥

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